विभाजन के बाद इमामुद्दीन पाकिस्तान चला गया। अपने दोस्त की याद को जिलाए रखने के लिए सूबेदार संता हमेशा दो गिलासों को शराब से भरकर बारी-बारी से चुस्की लिया करता। एक दिन बार के मालिक ने संता से ऐसा करने का कारण पूछा।
“यह गिलास इमामुद्दीन है और यह मैं हूं। इसलिए मैं दोनों में से थोड़ा-थोड़ा पीता हूं। एक इमामुद्दीन के लिए और एक मैं अपने लिए।”
बार के मालिक ने एक शाम संता को एक ही गिलास लिए बैठा देखा। उसने संता से उसका कारण पूछा।
संता ने जवाब दिया,“मैंने शराब पीनी छोड़ दी है। पर इमामुद्दीन ने नहीं छोड़ी है। मैं उसकी तरफ से पीता हूं।”
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